ग्वालियर। महज पांच साल की नाबालिक बच्ची से बलात्कार के आरोपी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। उक्त घटना इस प्रकार है कि पीड़िता की माँ दिनांक 26.06.2016 को करीब 11 बजे दिन में घर पर थी तभी मोहल्ले का कैलाश रजक उसके घर आया और बच्ची पीडिता उम्र 05 वर्ष को उसके सिर के जुए देखने की कहकर अपने साथ अपने घर ले गया करीब 20 मिनट बाद उसकी बच्ची पीडिता कैलाश के घर तरफ से रोती हुई घर पर आई तब पीड़िता की माँ ने बच्ची से रोने का कारण पूछा कि क्यों रो रही है। तब उसने बताया कि कैलाश ने अपने घर में खटिया पर बिठाकर नेकर की चैन खोल कर उसकी नुन्नू में उंगली डाल दी तब उसने बच्ची की नेकर खोलकर देखी तो उसकी पेशाब की जगह से खून निकल रहा था फिर उसने बच्ची के साथ हुई घटना के बारे में अपनी देवरानी व पति को बताया जब उन्होंने भी बच्ची से घटना के बारे में पूछा तो बच्ची ने उन्हें भी घटना के बारे में बताया फिर पीड़िता की माँ व देवरानी प्रीति कैलाश के घर गए तो वह भाग गया फिर थाना पुरानी छावनी जाकर घटना की रिपोर्ट की। विवेचना उपरांत पुलिस ने आरोपी कैलाश के विरुद्ध धारा 376 आईपीसी एवं 5/6 पोक्सो एक्ट का चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायालय (पोक्सो एक्ट) में प्रकरण की विचारण उपरांत आरोपी कैलाश पर धारा 376(2) (आई) आईपीसी एवं धारा 6 पोक्सो एक्ट के तहत दोषसिद्धि पाया जाने पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा न्यायालय से निवेदन किया कि आरोपी 25 वर्षीय नवयुवक है पूर्व का आपराधिक रिकार्ड नहीं है अत: उसके साथ नरमी बरती जावे।
श्रीमती अर्चना सिंह पंचम अपर संत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) द्वारा
अभियोजन को सुनने के पश्चात व्यक्त किया कि " उसकी आपराधिक प्रवृत्ति व छोटी बच्ची के साथ दुष्कृत्य क्षम्य नहीं है आरोपी उसका पडोसी है इस कारण उसका आरोपी से वैश्वासिक संबध है परंतु आरोपी ने बच्ची के विश्वास को छला है तथा उसके साथ दुष्कृत्य कर वही बच्ची जिसने अभी पूरी तरह दुनिया नहीं देखी उसका भविष्य नष्ट करने का प्रयत्न किया अतः आरोपी अवयस्क पीड़िता के साथ किए गए चारित्रिक अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी दया का हकदार नहीं है।
इस प्रकार पॉक्सो एक्ट में 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका के प्रति अपराध के दण्ड का विशेष प्रावधान होने से आरोपी कैलाश रजक को पोक्सो एक्ट की धारा 6 में दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये अर्थदण्ड तथा अर्थदण्ड में से 1500 रूपये बतौर क्षतिपूर्ति पीड़िता को दिलाए जाने का आदेश दिया गया। प्रकरण में पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री अनिल मिश्रा द्वारा की गई।