भोपाल. अपराध नियंत्रण में पुलिस की सख्त छवि भले ही नजर आती हो, लेकिन कई अफसर मानवता की सेवा निस्वार्थ भाव से करते हैं। ऐसे ही एक पुलिस अफसर हैं इंस्पेक्टर जितेन्द्र पाठक। कोलार रोड के पैलेस आर्चिड निवासी इंस्पेक्टर पाठक ने प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तैनाती के दौरान सभी जाति-धर्म के पीडि़त और जरूरतमंद लोगों की मदद की। उन्होंने यूनाइटेड नेशंस के इंडियन पीस कीपिंग फोर्स में सूडान में तैनाती के दौरान सिविल वार में सराहनीय सेवाएं प्रदान कीं।
हाल ही में भारतीय जरूरतमंद मुस्लिमों के राष्ट्रीय मरकज मुस्लिम मददगाह ने 65 वर्ष के बीमार जरूरतमंद बुजुर्ग वली मोहम्मद का मामला साझा किया था। यह बात जब ईओडब्ल्यू में पदस्थ टीआइ जितेन्द्र पाठक के सामने आई तो उन्होंने वली मोहम्मद की पूरी मदद की। एक महीने काफी तकलीफ झेलने के बाद वली मोहम्मद को दवाएं मिल रही हैं। उन्होंने दवा के साथ उनके खाने का भी बंदोबस्त किया। लंबे समय से खाने के लिए भी वली मोहम्मद और उनका परिवार दूसरों के रहमोकरम के भरोसे थे। मदद पाने के बाद उनके घर में चूल्हा जल सका है।
वर्ष 2006 में जब इंस्पेक्टर पाठक मंडला में तैनात थे, उस समय किसी ने बताया कि एक अत्यंत गरीब महिला ऑपरेशन के अभाव में मरणासन्न स्थिति में है। उन्होंने मदद कर इलाज कराया। इसके बाद पीडि़त और जरूरतमंद की मदद उनका क्रम बन गया। उन्होंने गरीब ऑटो चालक की पत्नी नेहा खान के इलाज में मदद की। कैंसर पीडि़त गर्भवती महिला के इलाज में रोज दस हजार रुपए का चार दिनों तक खर्च उठाया।
गरीब पिता की पांच बच्चियों का एक साल तक पढ़ाई का खर्च उठाया। किसी की फीस भर दी, किसी की बेटी शादी में मदद की, भिखारिन की आंखों का इलाज करवा चश्मा बनवा दिया, इस तरह के न जाने कितने किस्से उनके परोपकार के हैं। सीहोर कोतवाली, नसरुल्लागंज, हनुमानगंज, शाहजहांनाबाद, चूनाभट्टी, कोलार आदि थानों का प्रभार संभालते हुए उस क्षेत्र के जरूरतमंदों की मदद करते आए हैं।