इंदौर। जगजीत नगर (पीपल्याराव) स्थित पांच मंजिला हॉस्टल की अवैध इमारत को नगर निगम ने रविवार दोपहर विस्फोट से उड़ा दिया। भूमाफिया ओमप्रकाश सलूजा की यह इमारत चार से पांच सेकंड में मलबे में तब्दील हो गई। विस्फोट से न तो आसपास के किसी मकान को नुकसान पहुंचा, न ही कोई हताहत हुआ। चार हजार वर्गफीट जमीन पर बने इस हॉस्टल को तोड़ने की कार्रवाई 16 दिसंबर को की गई थी, लेकिन ऊंची इमारत के कारण काम अधूरा छोड़ना पड़ा था। इसके बाद निगम अफसरों ने विस्फोट विशेषज्ञ शरद सरवटे की मदद लेकर रविवार दोपहर 3.20 बजे विस्फोट कराकर बचे हिस्से को गिराया। इस दौरान कुछ देर तक इलाके में धूल का गुबार उठा। कुछ मलबा बिल्डिंग के सामने रोड पर भी गिरा।
सरवटे ने इमारत के नौ पिलर में 45 सुराख कराए और उनमें साढ़े चार किलो विस्फोटक भरकर धमाका कराया। विस्फोट की तैयारी दो दिन से हो रही थी और निगम ने हॉस्टल की दीवारें व मलबा हटाया था। पहले कार्रवाई रविवार सुबह करने की योजना थी, लेकिन अधिकारियों के अन्य कार्रवाइयों में व्यस्त होने के कारण देरी हुई। कार्रवाई के दौरान निगम के अपर आयुक्त श्रृंगार श्रीवास्तव, भवन अधिकारी ओपी गोयल, भवन निरीक्षक राजेशसिंह चौहान, सहायक रवि वानखेड़े व नीलेश पंड्या मौजूद थे।
अनाउंसमेंट कर खाली कराए मकान:-
विस्फोट से पहले निगम की टीम ने आसपास कई बार अनाउंसमेंट कराया और वहां रहने वाले लोगों को कार्रवाई की जानकारी दी। उद्घोषणा में कहा गया कि लोग घरों से निकलकर सुरक्षित जगह चले जाएं। कोई भी घर के भीतर न रहे। अनाउंसमेंट के बाद बिल्डिंग के आसपास रहने वाले लोग घरों में ताले लगाकर बाहर निकले और खुली जगह चले गए। कार्रवाई के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
इम्प्लोजन मैथड से किया विस्फोट:-
सरवटे ने बताया कि सामान्य विस्फोट एक्सप्लोजन मैथड से किए जाते हैं, लेकिन आसपास सघन रहवासी क्षेत्र होने के कारण इम्प्लोजन मैथड से भीतरी विस्फोट कर बिल्डिंग गिराई गई। इससे मलबा-पत्थर बाहर नहीं उड़ते। बारूद के रूप में इमल्शन एक्सप्लोजिव का उपयोग किया गया। 1996 से इमारतों को विस्फोट से उड़ाने वाले सरवटे की यह 314वीं कार्रवाई थी। उन्होंने बताया कि हॉस्टल गिराने में 70 से 80 हजार रुपए का खर्च आया। बिल्डिंग की दाईं तरफ खाली प्लॉट था, इसलिए बिल्डिंग को उसी तरफ गिराना था। पूरी कार्रवाई योजना के हिसाब से हुई।