छतरपुर/ हनीट्रैप मामले में सरकार के दो मंत्री के ओएसडी फंस गए हैं। वहीं चालान में एक कांग्रेस जिला अध्यक्ष का नाम भी सामने आया है। आरती दयाल और मोनिका ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी का वीडियो उनके फॉर्म हाउस पर ही बनाया था। बाद में जब आरती ने मनोज त्रिवेदी को पैसे के लिए ब्लैकमेल करना शुरू किया तो एक टीआई ने उसे समझाकर डील करवाया।
हनीट्रैप की आरोपी आरती के हुस्न की नुमाइंदगी पर कई सफेदपोश ढेर हुए हैं। जिसमें अधिकारी से लेकर नेता तक शामिल हैं। छतरपुर से भोपाल शिफ्ट करने के बाद से ही आरती शिकार की तलाश में लगी रहती थी। आरती ने पैसे कमाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती थी। आरती जब अपनी भाई की सगाई में छतरपुर गई तो वहां कांग्रेस नेताओं को वीडियो बना लिए।
उस दिन अग्रवाल नहीं फंसा:-
चार्जशीट के अनुसार आरती की सहयोगी मोनिका ने पुलिस को बताया है कि मैं आरती दयाल के साथ उसके भाई की सगाई के अवसर पर छतरपुर गई थी। तारीख याद नहीं है शायद जून के महीने में गए थे। वहां किसी अग्रवाल नामक व्यापारी का वीडियो बनवाना चाहती थी। किंतु अग्रवाल के पिता की तबियत खराब थी, इस वजह से वह नहीं आया।
मनोज त्रिवेदी और उसके सहयोगियों का वीडियो बनाया:-
उसके बाद आरती दयाल, मोनिका को लेकर छतरपुर के स्थानीय नेता मनोज त्रिवेदी के फॉर्म हाउस पर पहुंची। उस वक्त वहां मनोज के दो साथी टिल्लू और चुलबुल पाण्डेय भी मौजूद थे। मनोज त्रिवेदी वर्तमान में कांग्रेस का जिला अध्यक्ष है। फॉर्म हाउस पर ही संबंध बनाने के दौरान आरती ने सभी के वीडियो बना लिए। मोनिका ने बताया कि यह घटना आरती के भाई की सगाई के दो दिनों के अंदर की है। आरती ही सही तारीख बता सकती है।
डर से नहीं लिए पैसे:-
बाद में मनोज त्रिवेदी को ब्लैकमेल कर पैसा लिया जाना था लेकिन छतरपुर टीआई ने आरती को बताया कि मनोज त्रिवेदी के लोग कुछ भी करा सकते हैं, इसलिए उनसे कोई पैसा नहीं मिला था। छतरपुर टीआई को मनोज त्रिवेदी के वीडियो के बारे में जानकारी थी, टीआई का नाम मुझे नहीं मालूम है। आरती बता सकती है, क्योंकि वह उसके संपर्क में थी। आरती के मोबाइल के छतरपुर टीआई के नाम से नंबर सेव है।
छतरपुर में कइयों से वसूले पैसे:-
मोनिका के अनुसार आरती ने छतरपुर के कई लोगों को अपने जाल में फंसाया है। जिसमें एक कार के शोरूम का मालिक भी है। उससे आरती ने क्रेटा गाड़ी लिए थे। इसके साथ ही उसने एक बिल्डर को भी फंसाया है। वहीं, इन खुलासे के बाद जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनलोगों ने चुप्पी साध ली है। कोर्ट में चालान जमा होने के बाद आने वाले दिनों में इनलोगों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।